पठान अपने ससुराल गया तो उसकी सास ने बड़े ही अदब से पूछा
जमाई जी क्या बैँगन शरीफ पका लूँ या आप आलू मोहतरम खाना पसंद करेंगे?
पठान: मैं तो गुनहगार बंदा हूँ इनके काबिल कहाँ.. आप कोई बेगैरत सा मुर्गा पका लें।
जमाई जी क्या बैँगन शरीफ पका लूँ या आप आलू मोहतरम खाना पसंद करेंगे?
पठान: मैं तो गुनहगार बंदा हूँ इनके काबिल कहाँ.. आप कोई बेगैरत सा मुर्गा पका लें।
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